वास्ते हज़रत मुराद-ए- नेक नाम       इशक़ अपना दे मुझे रब्बुल इनाम      अपनी उलफ़त से अता कर सोज़ -ओ- साज़    अपने इरफ़ां के सिखा राज़ -ओ- नयाज़    फ़ज़ल-ए- रहमान फ़ज़ल तेरा हर घड़ी दरकार है फ़ज़ल-ए- रहमान फ़ज़ल तेरा हो तो बेड़ा पार है

 

 

हज़रत  मुहम्मद मुराद अली ख़ां रहमता अल्लाह अलैहि 

 

 हज़रत सय्यद शाह गदा रहमान सानी

 

रहमतुह अल्लाह अलैहि

 

मोलफ़ किताब आईना तसव्वुफ़ के मुताबिक़ हज़रत सय्यद शाह गदा रहमान सानी रहमतुह अल्लाह अलैहि ६ रमज़ान उल-मुबारक ८४९ हिज्री बरोज़ जुमा कंदहार में पैदा हुए। आप के वालिद माजिद का नाम हज़रत सय्यद महबूब अली था।

हज़रत सय्यद शाह गदा रहमान सानी रहमतुह अल्लाह अलैहि ने १९ जमादी उलअव्वल ८६५ हिज्री को बरोज़ चार शंबा हज़रत सय्यद शमस उद्दीन आरिफ़ रहमतुह अल्लाह अलैहि से काबुल में ख़िरक़ा ख़िलाफ़त हासिल किया।

हज़रत सय्यद शाह गदा रहमान सानी रहमतुह अल्लाह अलैहि १२ रबी आलाख़र ९८७ हिज्री बरोज़ यकशनबा तहज्जुद के वक़्त इस दार फ़ानी से रुख़स्त हुए। आप का मज़ार ख़ैबर बालाए औसत में वाक़्य है

नोट:। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि के हालात-ए-ज़िंदगी बावजूद कोशिश के कहीं से नहीं मिल सके।क़दीम कुतुब में जो कुछ मिला मैंने लिख दिया। अगर किसी साहिब के पास हूँ तो "राबिता करें" को क्लिक करके हमारे साथ राबिता क़ायम करें और इस कार-ए-ख़ैर में हिस्सादार बने। या नीचे दिए गए ई मेल ऐडरैस पर राबिता करें।

इसरार-उल-हक़

Israr Ul Haq

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